सिरदर्द (Headache) – कारण, लक्षण और उपाय – SahiAurGalat

सिरदर्द
Headache - सिरदर्द - लक्षण - कारण
सिरदर्द का फोटो

सिरदर्द एक बहुत ही पीड़ादायक बीमारी है। यह गर्दन के ऊपर सिर पर, चेहरे, नाक और कान के आसपास हो सकते है। सबसे ज्यादा सिर में दर्द टेंशन और आधासीसी वाला सिरदर्द होता है। पुरे विश्वभर की लगभग 22% जनसंख्या टेंशन वाले सिरदर्द से परेशान रहती है। और विश्व की लगभग 12% जनसंख्या आधासीसी सिरदर्द से परेशान रहती है।

सिर दर्द होने का कारण कुछ भी हो सकता है, जैसे किसी रोग के वजह से भी हो सकता है और बिना किसी रोग के भी हो सकता है। सिर दर्द का होना और न होना हमारे जीवनशैली पर भी निर्भर करता है। जैसे की हम कैसे वातावरण में रहते है, कितना सोते है, कितना और कैसे अपने दिमाग पर तनाव देते है इत्यादि।

सिर का दर्द अगर किसी रोग के वजह से है तो रोग का ईलाज करने से सिरदर्द ठीक हो सकता है। और अगर बिना किसी रोग के सिर दर्द होता है तो, इसे अपने रहन-सहन, कार्यशैली और जीवनशैली को अच्छा करके ठीक किया सकता हैं।

आपके रोजमर्रा के ज़िन्दगी में कभी कभार होने वाली सिर के दर्द का अगर ज़ल्द से ज़ल्द निवारण नही होता है तो, सिर दर्द बहुत ही पीड़ादायक और भयावह हो सकती है।

सिरदर्द के प्रकार

वास्तविकता ये है की सिर के दर्द कई प्रकार की हो सकती है। विकिपीडिया के अनुसार सिर के दर्द 200 से भी अधिक प्रकार की होती है। हालाँकि इसे 2 तरह के वर्ग में बाँटा गया है,  प्राइमरी और सेकेंडरी सिरदर्द।

(1 प्राइमरी सिरदर्द : जो सिर के दर्द बिना किसी बिमारी या फिर बिना किसी चिकित्सा से होती है उसे प्राइमरी सिर दर्द कहते है। जैसे – माइग्रेन, टेंशन आदि…

(2 सेकेंडरी सिरदर्द : जो सिर के दर्द किसी बिमारी या किसी चिकित्सा के वजह से होती है उसे सेकेंडरी सिर दर्द कहते है। जैसे – इन्फेक्शन के कारण, सिर पर चोट के कारण, ट्यूमर के कारण, सर्दी और जुकाम, खाँसी के कारण आदि…

कारण

  • मानसिक चिन्ता के कारण।
  • किसी दुसरे रोग के कारण।
  • जुकाम के कारण।
  • खाँसी के कारण।
  • बुखार के वजह से।
  • रात्रि जागरण के वजह से भी होता है।
  • रक्तचाप से भी होता है।
  • पेट में कब्ज और गैस होने से।
  • स्त्रियों में होरमोंस की असमानता के कारण इत्यादि।

लक्षण

सिर-दर्द के कई लक्षण हो सकते है। यह पूर्णरूप से सिर-दर्द किस वजह से है, इस बात पर निर्भर करता है। इसके कारण बेचैनी होती है, कोई काम करने से दर्द और बढ़ जाता है। ऐसा लगता है जैसे की माथा फट जाएगा।

निम्नलिखित में कुछ सिर दर्द के लक्षण हैं…

आधासीसी-टेंशन-सइनस-क्लस्टर
सिरदर्द के लक्षण और कुछ प्रकार की परिभाषा
  1. जब सिर तथा चेहरे के आधे भाग में दर्द हो तो इसे आधासीसी यानी माईग्रेन कहते है। यह ज्यादा खतरनाक नही होता है, लेकिन कभी-कभी शोरगुल और प्रकाश में काफी पीड़ादायक हो जाता है।
  2. जब कभी भी माथा पर चारो तरफ ज्यादा दर्द हो तो समझिये की यह टेंशन यानि तनाव वाला सिर-दर्द है। इसके वजह से गर्दन और आँखों के पीछे भी दर्द बढ़ जाता है। इस दौरान होने वाले सिर दर्द से राहत पाने के लिए आपको तुरंत काम छोड़कर आराम करना चाहिए।
  3. माथा पर और आँखों के निचे गालों पर होने वाले दर्द को साइनस सिर-दर्द कहते है। यह सुबह के समय कम दर्द होते है, और दिन के दौरान दर्द बढ़ने लगता है। साइनस सरदर्द प्रायः नाक बहने, संक्रमण और रक्त संकुलन के कारण होते है।
  4. चेहरे के एक तरफ “दर्द और आँख सुजा हुआ” होने पर क्लस्टर नामक सिर-दर्द होता है। क्लस्टर सिर दर्द कुछ सप्ताह तक होता है या फिर महीनो तक और कभी कभार सालों तक रहता है। क्लस्टर सरदर्द सभी सिरदर्दो में सबसे ज्यादा पीड़ादायक होता है।

सिरदर्द के घरेलू और जड़ी-बूटी उपचार

  1. पुदीना : हरे ताजे पुदीने का रस निकालकर माथे पर मालिश करने से सिर दर्द में लाभ मिलता है।
  2. सत्यानाशी और पानी : आधा तोला पानी ले लें, और फिर सत्यानाशी की जड़ की छाल को अच्छे से पीस लें। फिर पिसे हुए नुश्खे को पानी के साथ पी जाएँ। सिर दर्द में बहुत ही लाभकारी होता है।
  3. काली मिर्च, कायफल और अरण्ड की जड़ : इन तीनो को एक समान मात्रा में लेकर पिस लें और फिर गर्म कर लें। फिर इसे सिर पर अच्छे से लगायें, हर तरह के सिर दर्द में फायदा होता है।
  4. नमक और सनायका चूर्ण : थोड़ी थोड़ी दोनों को समान मात्रा में मिलाकर, पानी के साथ लेने से सिर दर्द में आराम मिलता है।
  5. आवंला, धनिया और मिश्री : रात के समय साफ़ पानी में धनिया और आवंला समान मात्रा में भिगोकर रख दें। सुबह किसी साफ़ बर्तन में छानकर थोड़ा मिश्री मिलाकर पियें। सिर के दर्द में बड़ा ही लाभकारी होता है।
  6. काली मिर्च, साफ़ पानी और बताशा : तीनो का काढ़ा तैयार कर गरम गरम पीने से, सर्दी-जुकाम और खाँसी से हुए सिर दर्द में बहुत लाभ मिलता है।
  7. चव्य, सौंठ, चीता (चित्रक), पिपलामूल और पीपर : इन पाँचो का अच्छे से काढ़ा बनाकर गरमा गरम पिने से हर तरह के सिर दर्द में आराम मिलता है।
  8. रीठे की छाल और साफ पानी : छाल को साफ़ पानी में रगड़कर झाग तैयार करें। फिर इस झाग वाले पानी को हल्का गरमकर दो-तीन बूंद नाक में डालें। सिर के दर्द में लाभकारी होता है।
  9. अदरक और नींबू का रस : इन दोनों के रस को बराबर मात्रा में मिलाकर दिन में 2-3 बार पिने से सिर के दर्द में पैदा मिलता है।
  10. मिश्री, देशी घी और त्रिफला : मिश्री और त्रिफला को घी में अच्छे से मिलाकर खाने से सिर दर्द में आराम मिलता है।

सिरदर्द के दौरान इन बातों का रखे ध्यान

  • दवाईयों का कम से कम इस्तेमाल करें।
  • 7-9 घंटे का भरपूर नींद लें।
  • दिमागी परेशानी यानी टेंशन को दूर रखें। टेंशन होने पर दिमाग को मनोरंजन द्वारा या फिर किसी दुसरे अच्छे काम द्वारा शान्त करें।
  • हरी सब्जियों का इस्तेमाल करें, अच्छा और पौष्टिक खाना शरीर को हमेशा तंदरुस्त रखता है।
  • कॉफ़ी, चाय आदि कैफीन चीजों का न के बराबर इस्तेमाल करें। क्यूंकि ज्यादा कैफीन सिर के दर्द को बढ़ावा देता है।
  • व्यायाम और योगा प्रतिदिन करें। रोज सुबह खुली शुध्द हवा में ज़रूर टहलें।
  • पढ़ने, टी.वी देखने, कंप्यूटर चलाने, मोबाइल या कंप्यूटर में गेम खेलने जैसे गतिविधि के दौरान अपने आँखों पर अनावश्यक जोर न लगायें।
  • आधासीसी सिर दर्द से पीड़ित व्यक्ति को खासतौर पर “विटामिन – डी और ई” युक्त भोजन करना चाहिए।

धन्यवाद !

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