ज़िन्दगी कैसी है पहेली : प्रेरणादायक बातें – SahiAurGalat

ज़िन्दगी कैसी है पहेली

जिंदगी एक ऐसा शब्द है जिसको सुनकर ही लगता है कि एक ऐसा शब्द जो पूरे संसार में सबसे श्रेष्ठ है, जो सबसे महान है। इसमें इतनी महानता है कि बड़े से बड़ा इन्सान या जीव, जो भी इसका अर्थ समझते है, इसकी महानता को भलीभाति समझते है कि ज़िन्दगी क्या है।

शायद मै अपने शब्दो में ये बता न सकूंगा की इस शब्द की क्या महानता है। मै भी बातों को कहां से कहां ले आया। चलिए बात करते है ज़िन्दगी के कुछ पहलुओं की जो इसे चलते है या जहां से ये प्रारम्भ होती है।

ज़िन्दगी जो अपने आप में बहुत ही महान है, जन्म लेती है एक महान (मां) की गर्भ से को अपने कोख में नौ महीने धारण करती है। फिर जन्म होता है एक महान जीव का जिसका कोई पता नहीं होता कि वो कितना महान जीव बनेगा या इसकी ज़िन्दगी कैसी होगी कोई नहीं बता सकता। पर ये ज़रूर बता सकते है कि उसे अपने ज़िन्दगी से बहुत प्यार रहेगा।

ज़िन्दगी शब्द को किसी कहानी, कविता, नाटक का रूप देकर इसके कुछ हिस्से को दर्शाया जा सकता है, ना कि इसके पूरे समय काल को। क्यूकी ज़िन्दगी ही भविष्य है और किसी इंसान ने भविष्य नहीं देखा जो कि ये बता सके कि आगे की ज़िन्दगी कैसी होगी।

ज़िन्दगी के बहुत से सुनहरे पल को हम अपनी डायरी में कैद कर सकते है, उसका आनंद ले सकते है। अगर हम चाहें की ज़िन्दगी को समझ लेंगे तो ये मुमकिन नहीं, क्यूकि ज़िन्दगी किसी के तौर तरीकों से नहीं चलती उसको जैसे चलना है – चलती है, रुकना है – रुकती है, ना तो उसे कोई बदल सकता है और ना ही कोई उसे रोक सकता है। वो मन-मौजी है जो अपने तरीकों से ही चलती है, मिलती तो वो हमको है पर लगता है कि हम ही उसके कर्जदार हैं। उसे उसकी मनमानी करने से रोक नहीं सकते और अगर हम ऐसा करना चाहते है तो अनजाने में हम उसको खो देते है, जो कि हमारे लिए संसार कि सबसे अमूल निधी है। जिसका पूरे संसार मे राज्य है, जिसकी पूरी धरती गुलाम है, वो है मात्र ज़िन्दगी।

कोई राजा महाराजा या जिसे आप सब बड़ा समझते है वो सभी ज़िन्दगी के गुलाम हैं। जो ज़िन्दगी चाहती है वो हमसे कराती है और हम उसे चाहकर भी इंकार नहीं कर सकते। इसे ही तो गुलामी कहते हैं।

मेरी समझ से ज़िन्दगी एक सुंदर सपना है जिसे देख तो सभी सकते है, पर समझ वहीं पाते है जो उसके तौर- तरीकों से चलते है। क्यूकि उनको मालूम है कि ज़िन्दगी एक ऐसा अनमोल खजाना है, जिसे सिर्फ़ उसके तौर तरीकों से चलने पर ही पाया जा सकता है।

ज़िन्दगी एक ऐसी पहेली है जिसे कोई नहीं सुलझा सकता, इसको जितना ही सुलझाने की कोशिश की जाती है, ये उतनी ही उलझती चली जाती है। इसको सुलझाना कोई आसान काम नहीं, इसको सुलझाने का मतलब संसार कि सभी चीजों पर अपना आधिपत्य जमाने के बराबर है, जो कदाचित संभव नहीं है।

जिंदगी को हम दूसरे शब्दो में समय भी बोल सकते हैं, जो किसी के रोकने से नहीं रुकती। ऐसा लगता है ज़िन्दगी और समय का बहुत ही गहरा रिश्ता है, जिसे दोनों बड़ी ही ईमानदारी से निभाते है, जो कभी ना टूटने वाली डोर है। अगर हमको ज़िन्दगी के बारे में समझना है तो समय के साथ – साथ चलना होगा।

मै उम्मीद करता हूँ की मेरा ये लेख आपको पसंद आया होगा। पसंद के साथ साथ आपको इससे कुछ सीखने को भी मिला होगा। मै ये कामना करता हूँ की इस लेख को पढ़ने से आपको जिंदगी की असल पहलु की अनिभूति हुई होगी।

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Nilesh Pandey

About Writer : Awadesh Nilesh Pandey (20 Year Old), is pursuing graduation in B.A. (Hindi literature) from “rajya vishwavidyalaya allahabad”. His birthplace is Prayagraj Uttar Pradesh & lives in mumbai.

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