सेब (Apple) के फायदे, नुकसान और पोषण तत्व – SahiAurGalat

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यह सेब एक ऐसा फल है जिसे नियमित रूप से रोज 1 खाना मतलब बीमारियों को दूर भगाना। सेब को अँग्रेजी मे apple (एप्पल) कहते है। इसका रंग लाल, हरा या फिर इन दोनों रंगो का मेल होता है। इसका स्वाद एक अलग अनुभूति देने वाला सुनहरा मीठा होता है।

इसकी आकृति लगभग गोलाकार होती है। जिस तरफ सेब की डंठल होती है वहा पर गोलाकार गड्ढानुमा होता है। और ठीक इसी के 180 डिग्री दूसरे सतह पर भी गोलाकार गड्ढानुमा होता है।

इसकी खेती ठंडी क्षेत्रो मे ज़्यादा होती है। भारत मे इसकी खेती या उपज मुख्य रूप से हिमांचल प्रदेश मे होता है। जम्बू और कश्मीर मे भी इसकी उपज बहुत है।

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सेब की उपज हजारो साल से सबसे ज़्यादा मध्य एशिया और यूरोप मे होता रहा है। इसके बाद इसकी खेती उत्तरी अमेरिका मे शुरू हुयी।

सेब मे पाये जाने वाली पोषण तत्व

निम्नलिखित पोषण तत्व ब्योरा प्रति 200 ग्राम सेव के हिसाब से है –

  • विटामिन : “14% यानि 9.2 मिलीग्राम विटामिन सी” सबसे ज़्यादा पाया जाता है। बाकी विटामिन बहुत ही कम मात्रा मे पाये जाते है।
  • कैलोरी : “104 किलो कैलोरी” पाया जाता है।
  • कार्बोहाइड्रेट : “27.62 ग्राम”।
  • प्रोटीन : 0.52 ग्राम।
  • वसा : 0.34 ग्राम।
  • शुगर (शर्करा) : 5 ग्राम।

सेब के इस्तेमाल से करे ईलाज

  • कब्ज की बीमारी के लिए सेब का रस लाभकारी होता है। इसमे उपस्थित कार्बोहाइड्रेट पाचन क्रिया के लिए कारगर होता है, जिससे कब्ज नहीं होता है। इसका इस्तेमाल पपीता या फिर अंगूर के रस के साथ कर सकते है।
  • खून की गंदगी से बहुत तरह की बीमारी होती है। खून साफ रहे इसके लिए सेव बहुत लाभप्रद है। बस ध्यान रखे की इसका सेवन दूध पीने के 3-4 घंटे बाद करें।
  • हृदय रोग बहुत ही खतरनाक रोग है। इसके लिए हृदय का स्वास्थ्य ठीक होना ज़रूरी है। सेव और सेव की रस का सेवन हृदय को स्वस्थ्य रखता है। जिससे हृदय रोग मे लाभ मिलता है।
  • शरीर की दुर्बलता हर तरह की रोग को बढ़ावा देता है। इससे बचने के लिए सेव का उचित तरीके से सेवन करना लाभप्रद होता है। रात मे 1 सेव के 5-6 टुकड़े कर लें, और साफ बर्तन खुली आसमान के नीचे ऐसे रखे जैसे उसपर रात की सुनहरी ओंस गिरे। सुबह मे इसे धोकर नाश्ते मे खाएं। ऐसा रोज करें।
  • पथरी की समस्या को दूर करने के लिए सेव मे उपस्थित खनिज बहुत ही असरदारक होता है। यह सभी पथरी होने वाले उपद्रव को जमने नहीं देते है तथा इन्हे भी पचाकर बाहर निकाल देते है।
  • सेव मे कोलेस्ट्रल की मात्रा 0% होती है। अतः इसकी नियमित सेवन से रक्तचाप की बीमारी मे सहायता मिलती है।
  • बवासीर होना बहुत ही पीड़ादायक होती है, लेकिन सेव की रस और आंवले की रस को एक साथ मिलाकर पीने से बवासीर मे लाभ मिलता है।
  • किसी भी इंसान के लिए दिमाग का कमजोर होना बहुत ही बेकार होता है। हालाँकि ऐसा होना कोई नहीं चाहता, चाहे वो जन्मजात से हो या कुपोषणता की वजह से हो। सेव मे उपस्थित विटामिन, लवण इतने असरदार होते है की इसके रोज उचित सेवन से दिमाग की हर एक तरह की कमजोरी दूर हो जाती है।

सेब के सही और गलत तथ्य

फायदे की बात करे तो सेव खाने से कैंसर, मधुमेह, कमजोरी, दिल की बीमारी जैसे बहुत से बीमारियो के लिए फायदेमंद होती है।

लेकिन कुछ नुकसानदायक पक्ष भी है सेब के, जैसे – इसके सेवन से शुगर की बीमारी वालों की शुगर बढ़ सकती है। क्यूंकी इसमे शुगर की मात्रा 10 ग्राम प्रति 100 ग्राम सेव होता है।

इसके ज़्यादा इस्तेमाल से शरीर की हड्डी मे कमजोरी आ सकती है अर्थात रोज 1 सेव से ज़्यादा न खाएं।

सेव के बीज मे साइनाइड और अमीगडालिन से बनी एक यौगिक (साइनोजेनिक ग्लाईकोसाइड) की मात्रा पायी जाती है। जिसकी अधिक मात्रा जहरीला साबित हो सकती है। अर्थात कोशिश करें की सेव खाते समय इसके बीज को नहीं खाएं।

एक शोध के मुताबिक 1 कप सेव के बीज को खाने से इस जहर का असर इतना भयंकर हो सकता है की इंसान की मौत भी हो सकती है।


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