भेड़ चरवाहा और शेर – बचाओ… : बच्चों की कहानियाँ

भेड़ चरवाहा और शेर बचाओ

बहुत समय पहले उत्तर प्रदेश के एक छोटे से गाँव में एक भेड़ चरवाहा रहता था। वह अपने गाँव के पास वाले जंगल में रोज भेड़ चराने ले जाया करता था। वह बहुत झूठ बोलता, हर रोज झूठ बोलता था। वह मजाक भी बहुत ज्यादा करता था।

एक दिन वो भेड़ चरा रहा था, तभी अचानक उसने बहुत जोर से चिल्लाया – बचाओ.. बचाओ… शेर आया, मुझे मार देगा!

गाँव के लोग अपना सब काम छोड़कर, लाठी-डंडा लेकर उसे बचाने, उसकी तरफ दौड़े। उस भेड़ चरवाहे के पास पहुचने के बाद, गाँव वालों ने देखा की वहाँ कोई शेर नही है। भेड़ चरवाहा सही सलामत अपनी भेड़ चरा रहा था।

गाँव के सभी लोगों ने पूछा की कहाँ गया शेर.. बोलो…, तुमको तो कोई चोट भी नही आई है। वो जोर – जोर से हंसने लगा और बोला की, मैंने तो मजाक किया है।

लोग उसके इस गंदे मजाक पर बहुत गुस्सा हुए और फिर अपने – अपने घर चले जाते है। वह रोज वैसे ही किसी न किसी बहाने चिल्लाता और लोग उसे बचाने के लिए आते और गुस्सा होकर वापस चले जाते। ऐसे ही वह भेड़ चरवाहा गाँव के लोगो को बहुत दिनों तक परेशान करता रहा।

एक दिन की बात है, चरवाहा रोज की तरह उस दिन भी अपनी भेड़ चरा रहा था। तभी अचानक वास्तव में उसके सामने एक शेर आ गया।

उसने देखा की शेर उसी के तरफ आ रहा है, जिससे वह चरवाहा बहुत घबराया और उसने यथाशीघ्र गाँव वालों को मदद के लिये बहुत जोर से चिल्लाया, बचाओ – बचाओ सही में शेर आ गया है…!

गाँव के लोगो ने सोचा की, रोज की तरह आज भी वैसे ही झूठ बोल रहा है। अतः गाँव से कोई भी व्यक्ति उसे बचाने नही गया।

अंततः शेर ने उस भेड़ चरवाहे को मार दिया। भेड़ वहाँ से भाग गया। जब रात हुई तो लोगो ने देखा की वो चरवाहा अभी भी घर नही आया है। फिर गाँव के लोग एकत्रित हुए और उसे खोजने के लिए जंगल में जाते है। एक आदमी की नजर उस चरवाहे पर पड़ी, उसने जोर से चिल्लाया.., सभी लोग दौड़ कर उस आदमी के तरह आएं और वहा पर लोगों ने देखा की भेड़ चरवाहा मर चुका है।

शिक्षा – इस कहानी से हमने क्या सिखा!

इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलता है की, हमे मजाक उतना ही करना चाहिए जितना की सामने वाले को अच्छा लगे और कभी भी झूठ नही बोलना चाहिए। अगर उस भेड़ चरवाहे ने रोज झूठ बोलकर लोगों को परेशान नही किया होता तो उसके ज़रूरत के समय चिल्लाने पर गाँव के लोग ज़रूर आते, जिससे उसकी जान बच जाती।


टिप्पणी : यह साझा की गई प्रेरणादायक कहानी लेखक की मूल रचना नहीं है, लेखक द्वारा इसे पहले कही पढ़ा या सुना गया है, तत्पश्च्यात इसे केवल कुछ संशोधनों के साथ हिंदी संस्करण में प्रस्तुत किया गया है। धन्यवाद !

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मेरा नाम गीता मौर्या है। मैं कंप्यूटर बेसिक नॉलेज कोर्स से सर्टिफाइड हूँ। फिलहाल मै बीए कर रही हूँ।

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