पानी या जल – What is water ? – SahiAurGalat

जल-पानी
जल-पानी

पानी या जल जो भी कह लीजिए, यह मानव और लगभग हर सजीव के लिए बहुत ही ज़रूरी है। पूरी पृथ्वी लगभग 71% जल से भरा हुआ है। यानी पृथ्वी का एक तिहाई भाग बिना जल के है। अब इस हिसाब से देखा जाय तो पृथ्वी पर जल बहुत है। लेकिन!!! इसमे से केवल 2.5% जल ही पिने योग्य है।

साफ़ और शुद्ध जल कि समस्या दुनिया भर के कई जगहों पर है। जैसे-जैसे समय नए दौर के साथ आगे बढ़ रही है, वैसे-वैसे टेक्नोलॉजी भी बढ़ रही है। और इसका नतीजा ये है कि कुछ जल शुद्धीकरण तकनीक जैसे – Sediment Filtration, Reverse Osmosis, Ozonation etc. द्वारा गंदे जल भी साफ़ पिने योग्य तैयार किये जाने लगे हैं।

जल बहुत सारे जगहों पर अलग अलग रूप में देखने को मिलता है। जैसे :-

  • ज़मीन के अन्दर जलभृत (Aquifer) कि अवस्था में जल पाया जाता है।
  • आसमान में वाष्प और बादल के रूप में पाया जाता है।
  • समुंद्र में खारे जल और हिमशैलो (Ice-Berg) के रूप में पाया जाता है।
  • हिमनद (Glacier) के रूप में पहाड़ों में मिलता है।
  • नदियों, झील, पोखर में बहते हुए कुछ साफ, तो कुछ गंदे जल कि अवस्था में पाया जाता है।

नोट: हवा की तरह जल भी ब्रम्हांड का एक ऐसा अनोखा तत्व है, जिसके बिना पृथ्वी पर जीवन संकट में पड़ सकता है। जल को नीर, तोय, अम्बु, मेघपुष्प, सलिल इत्यादि नाम से भी जाना जाता है।


परिभाषा (Definition of Water)

पानी एक रासायनिक तत्व है। जो सामान्य तापमान और दबाव में रंगहीन, गंधहीन, पारदर्शी होता है तथा अपनी मात्रा को आकृति देते हुए समुंद्र, नदी, झील, बारिश, तालाव इत्यादि बना देता है। इसका रसायनिक सूत्र H2O होता है, रसायन विज्ञान कि भाषा में इसे डीहाइड्रोजन मोनोऑक्साइड (Dihydrogen Monoxide) कहते है। इसका 1 अणु, 2 हाइड्रोजन और 1 ऑक्सीजन परमाणु से सहसंयोजक बंध द्वारा जुड़ा रहता हैं।

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नोट: जब साफ़ जल अधिक मात्रा में होता है तो फिरोजा (Turquoise)रंग का दिखता है।

पानी का इतिहास (History of Water)

जल का इतिहास मानव जाति के लिए एक बहुत बड़ा विषय है, जो आज भी एक अलग स्थान रखता है और भविष्य में भी रखेगा। पृथ्वी पर पानी पहले से था या फिर पृथ्वी के उत्पत्ति के कई सालों बाद पानी कही से आया ! इस बात का कोई सत्यापित प्रमाण कही नही है। हालाँकि वैज्ञानिको कि खोज से यह पता चला है कि आकाशगंगा में बहुत सारे ऐसे क्षुद्रग्रह है, जिनमे बहुत ज्यादा पानी का स्रोत है।

कोवेन्ट्री इंग्लैंड में वारविक विश्वविद्यालय” के एक शोधकर्ता के अनुसार ज्यादा जल वाले क्षुद्रग्रह, सौरमंडल में बहुत ही ज्यादा संख्या में हैं। अगर ऐसा है तो हो सकता है पृथ्वी के उत्त्पति के कुछ या कई सालों बाद कोई क्षुद्रग्रह टकराया होगा और उसी से पृथ्वी पर पानी आयी होगी।

जल के तथ्य (Water Facts)

  1. मनुष्य का मस्तिष्क 70% पानी है।
  2. “एमपिम्बा इफ़ेक्ट” से गरम पानी को ठंडे के मुकाबले पहले जमाया जा सकता है।
  3. इसमे कोई भी कार्बनिक पोषक तत्व और कैलोरी नही होता है।
  4. पृथ्वी पर हर जिव 1% से भी कम शुद्ध जल इस्तेमाल कर पाते है।
  5. शुद्ध H2O जल का स्वाद पिने में फीका लगता है।
  6. यह सभी जीवों, जानवरों और मानवों के चयापचय (Metabolism) प्रक्रिया के लिए ज़रूरी होता है।
  7. आवश्यकता से अधिक जल पीना (Water intoxication) जानलेवा भी हो सकता है।
  8. किसी स्वस्थ मानव शरीर के स्वस्थ गुर्दे (Kidneys) एक-एक घंटे के अंतराल में लगभग 0.8 से 1 लीटर जल को छान सकते है।
  9. लगभग 70% साफ़  जल हिमनदियों में फसा हुआ है।
  10. पुरे विश्व में हर साल लगभग 1 ट्रिलियन गैलन जल, घरेलू इस्तेमाल के दौरान नष्ट होता है।

धन्यवाद !

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